Kaithal News: पीड़ित ने मांगा इंसाफ पर पुलिस ने पिलाई चाय! जानिए क्यों निलंबित हुआ CIA इंचार्ज

Kaithal News: कैथल में भाजपा ओबीसी मोर्चा के ज़िला उपाध्यक्ष राजेश कुमार पर हुए हमले के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई ना करने और उन्हें थाने में चाय-पानी की सेवा देने का मामला पुलिस पर भारी पड़ गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी के सख्त निर्देशों के बाद कैथल एसपी राजेश कालिया ने सीआईए-1 प्रभारी सब-इंस्पेक्टर पारस को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उन्हें पुलिस लाइन में ट्रांसफर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। निलंबन की अवधि में उन्हें एचसीएस (जनरल) नियम 2016 की धारा 83 के तहत आधी सैलरी और जरूरी भत्ते दिए जाएंगे।
DSP क्राइम की जांच में सामने आई लापरवाही
डीएसपी क्राइम सुशील कुमार द्वारा की गई जांच में साफ़ हुआ कि एसआई पारस ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती और मामले की जांच को गंभीरता से नहीं लिया। इस लापरवाही के चलते न सिर्फ जांच प्रभावित हुई बल्कि पीड़ित को न्याय की उम्मीद भी टूट गई। एसपी ने इसी आधार पर एसआई पारस को सस्पेंड किया और उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया। अब उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर विस्तृत जांच शुरू की गई है ताकि दोषी साबित होने पर और कड़ी कार्रवाई की जा सके।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 28 मार्च 2025 की है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के ज़िला उपाध्यक्ष राजेश कुमार जो कैथल के सेरधा गांव के रहने वाले हैं उन्होंने पुलिस को बताया कि वह अपनी बेटी शिवानी के साथ पुराने घर को देखने जा रहे थे। रास्ते में जब वह रानी पत्नी जगदीश से बात कर रहे थे तो टोली का नौकर शेषा वहां आया और गाली-गलौज करने लगा। तभी गोरा का बेटा अजय और टोली का बेटा विक्रम लाठी और कुल्हाड़ी लेकर वहां पहुंचे और उन पर हमला कर दिया। राजेश कुमार ने भागने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन्हें खींचकर घर में बंद कर दिया। बाद में उनके परिजनों ने उन्हें छुड़ाया और वह घायल अवस्था में पुलिस स्टेशन पहुंचे। इस घटना पर एफआईआर नंबर 50 दर्ज की गई जिसमें बीएनएस की धारा 115, 126, 127(2), 3(5) के तहत केस दर्ज हुआ और जांच की ज़िम्मेदारी सीआईए-1 को सौंपी गई।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हुई सख्त कार्रवाई
राजेश कुमार ने आरोप लगाया कि जब वह मामले में कार्रवाई की उम्मीद में पुलिस के पास गए तो उन्हें न्याय नहीं मिला। उल्टे आरोपियों को थाने में बुलाकर चाय पिलाई गई और उन्हें आराम से बैठाया गया। वहीं, पीड़ित को जांच की कोई जानकारी तक नहीं दी गई। जब यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत कैथल एसपी को फोन कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद ही एसपी ने कार्रवाई में तेजी दिखाई और एसआई पारस को निलंबित कर दिया गया। इस मामले ने हरियाणा पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।